सोफिया स्कूल में डॉक्टर नुपुर कौशिक की टीम ने किया फ्री डेंटल चेकअप
मेरठ। वर्ल्ड ओरल हेल्थ डे पर डॉक्टर नुपुर कौशिक ने खबरों का कहर, समाचार पत्र के मुख्य संपादक सोनू वर्मा को जानकारी देते हुए बताया कि बड़ों के साथ साथ बच्चों को मुंह के स्वास्थ्य की देखभाल बेहद जरूरी है।
विश्व मुख स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर मेरठ के नामचीन स्कूल सोफिया गर्ल्स स्कूल में करीब 200 छात्राओं का निशुल्क डेंटल चेकअप सुभारती डेंटल कॉलेज की अनुभवी डॉक्टर टीम के द्वारा किया गया।
सुभारती यूनिवर्सिटी कॉलेज के बाल एवं युवा दंत रोग विभाग की प्रोफेसर डॉक्टर नुपुर कौशिक के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम ने छात्राओं के दांतों की जांच करके उन्हें परामर्श दिए।
कार्यक्रम के अंत में डॉक्टर नुपुर कौशिक के द्वारा शिविर में आई छात्राओं के दंत रोग और उनसे बचाव की विस्तार से जानकारी साझा की।
शिविर को सफल बनाने में सभी टीचर्स ने डॉक्टरों की टीम का पूर्ण सहयोग दिया।
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बच्चों के मुँह की स्वास्थ्य पर ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण है। मुंह की साफ-सफाई बड़ों के साथ-साथ बच्चों के लिए भी जरूरी है। मुंह की सफाई का असर पूरे स्वास्थ्य पर पड़ता है। एक्सपर्ट के अनुसार, दांतों में बीमारी की वजह से शरीर में कई गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है। इसलिए सेहतमंद रहने के लिए मुंह की सफाई भी जरूरी है। एक अच्छी मुंह की स्वास्थ्य रखने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव हैं। एक स्वस्थ मुँह रखने के लिए, बच्चों को दिन में कम से कम दो बार ब्रश करना चाहिए। ब्रश करते समय दंतों को हल्के हाथों से मालिश करना चाहिए और सॉफ्ट ब्रिसल्स वाला उपयुक्त आकार का ब्रश उपयोग करना चाहिए और कम से कम दो मिनट तक ब्रश करना चाहिए। इसके अलावा, बच्चों को खाने के बाद मुँह धोना भी बहुत जरूरी है, जिससे बीचों बीच रह जाने वाले खाद्य पदार्थों के कच्चे अंश निकल सकें। बच्चों के मुंह की स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए, उन्हें मिठाई और तले हुए खाद्य पदार्थों से दूर रखना चाहिए। चीनी और चिप्स जैसे मीठे खाने से कैविटी और दांतों की समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए, बच्चों को इन तरह के खाने से दूर रखने के लिए उन्हें स्वस्थ और पौष्टिक आहार दें । उन्हें फल, सब्जियां, और दूध के उत्पादों को खाने की सलाह दें। इससे उनके दांतों की स्वास्थ्य बढ़ेगी और उनके शरीर को आवश्यक पोषक तत्व मिलेंगे।
उन्हें इस तरह से, हम बच्चों के मुंह की स्वास्थ्य को सुरक्षित रख सकते हैं। बच्चों को तंबाकू और गुटखा से दूर रखें। ये नशीले पदार्थ दांतों के लिए हानिकारक होती है। नियमित तौर पर बच्चों को बाल दन्त चिकित्सक के पास परीक्षण के लिए ले जाएं। एक बाल दन्त चिकित्सक की जांच उनके दांतों की स्वास्थ्य को नियंत्रित रखने में मदद करेगी और संभावित समस्याओं को पहले ही पहचानने में मदद करेगी। इस तरह से बच्चों के मुँह की से भी बचते हैं।
डॉक्टर नुपुर कौशिक
प्रोफेसर
डिपार्टमेंट ऑफ पीडियाट्रिक एंड प्रिवेंटिव डेंटिस्ट्री।
सुभारती डेंटल कॉलेज एंड हॉस्पिटल।
स्वामी विवेकानन्द सुभारती यूनिवर्सिटी,मेरठ।