सेक्स- गंभीर बीमारियों का इलाज़
जी हाँ सही रूप से करें सेक्स, गंभीर से गंभीर बीमारियों का है यह इलाज। यह आपको कुछ अटपटा लग रहा होगा, किन्तु अंत तक इत्मीनान से पढ़ेंगे तब आपके सारे डाऊट खत्म हो जायेंगे, अंततः वास्तव में सही सेक्स का तरीका भी समझ पायेंगे और बहुत सारी बीमारियों का सहज तरीके से सेक्स के माध्यम से खुद ही इलाज करने में समर्थ होगें और यह कंटेंट आपके जीवन में बहुत उपयोगी भी साबित होगा। बहुत कम लोग ही जानते हैं सेक्स गंभीर से गंभीर बीमारियों का सटीक इलाज है। रोज़-रोज़ सेक्स करने का बेहतरीन फायदा जान चौक जायेगें आज। भूख, प्यास स्नान आदि दिनचर्या की तरह यौन संबंध भी व्यक्ति की जिन्दगी का अहम हिस्सा है, सेक्स को अनदेखा नहीं किया जा सकता। शादीशुदा हो या सिंगल युवा अवस्था प्राप्त होते ही सेक्स के प्रति मन आकृष्ट हो जाता है। सर्वेक्षण में यह पाया गया है सेक्स के दौरान शरीर कुछ केमिकल, हार्मोन कंपाउंड मस्तिष्क में रिलीज करता है, जिस वजह से सेक्स के बाद शरीर रिलैक्स महसूस करता है। सेक्स संबंध ऐसा शब्द है, जिसपर चर्चा करने से बहुत सारे लोग सार्वजनिक रूप से कतराते तो हैं, लेकिन ज्यादातर लोग छुप - छुपकर पढ़ते और बहुत कुछ जानने कि कोशिश करते भी रहते हैं। पहले के समय में रोमांटिक पाकेट बुक, सेक्सी पत्रिका लोग खरीद कर लाते थे और छुपाकर रखते और पढ़ते थे। आज आनलाईन के जमाने में यूट्यूब और यह गूगल सर्च ऐसा प्लेटफार्म है जहां सबकुछ आसानी से उपलब्ध हो जाता है। आधी अधुरी या सही जानकारी न मिलने पर दुष्प्रभाव भी देखने को मिलता है।
सेक्स गंभीर से गंभीर बीमारियों का इलाज हेडलाइन से अचंभा लग रहा होगा किन्तु अंत तक पढ़ने और समझने पर मन में उत्पन्न भ्रम दूर होगा और वास्तव में अपने जीवन साथी के साथ सेक्स या रेप में आप क्या करते हैं ? यह भी समझ जायेगें। साथ ही आज यह भी जान जायेगें की आप सेक्स के नाम पर लापरवाही या अनजाने में बीमारी बटोर और परोस रहे हैं या अपने पार्टनर के साथ सही तरीके से सेक्स करते हुए संतुष्ट कर भविष्य में होने वाली या वर्तमान में हो चुकी बीमारियां दूर कर रोग से एक दूसरे को मुक्त कर रहे हैं। शरीर तमाम तरह की बीमारियों से भरा पड़ा रहता है, जब शरीर में कोई कमी होती है तब उससे सम्बन्धित बीमारी आंखों के सामने आ जाती है, तब बीमारी से ग्रसित ब्यक्ति डाक्टर के यहां जाता है और ज्यादातर मरीज अंग्रेजी दवाईयों का उपयोग करता है। एक बीमारी को दूर करने के लिए जो लम्बे समय तक अग्रेजी दवाइयों का सेवन किया जाता है वो ही दवा अन्य तमाम बीमारियों को सामने लाने का कारण बनती जाती है। मतलब वो ब्यक्ति धीरे-धीरे अग्रेजी दवाइयों पर निर्भर हो जाता है। मन का सदैव प्रसन्न रहना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक सिद्ध होता है। प्रेम पूर्वक सही तरीके से किया जाने वाला सेक्स तन-मन को तृप्ति प्रदान करने का सबसे उत्तम साधन है। प्रसन्न मन किसी भी कार्य को करने में समर्थ होता है साथ ही चिंता मुक्त रहता है। चिंता मुक्त मन शरीर को स्वस्थ निरोग रखने में मदद करता है। सही तरीके से प्रेम पूर्वक किया जाने वाला सेक्स एक ऐसा माध्यम है, जो तन-मन दोनों को प्रसन्न रखने में लाभकारी सिद्ध होता है। तन-मन प्रसन्न रहने से शरीर में स्फूर्ति रहती है, शरीर में स्फूर्ति रहने से किसी भी प्रकार के कार्य में मन लगता है। मन की प्रसन्नता से स्वास्थ्य अच्छा रहता है। स्वास्थ्य अच्छा रहने से शरीर बीमारियों से मुक्त रहता है। तात्पर्य यह है कि न बीमारी आंखों के सामने आती है न डाक्टर के पास जाने कि जरुरत पड़ती है। यह पूरी तरह सत्य है कि प्रेम पूर्वक सही तरीके से किया गया सेक्स बहुत सारी गंभीर बीमारियों का सचमुच निशुल्क इलाज है। किस बीमारी के निदान में किस प्रकार से कब व कैसे किस तरह से कितना सेक्स किया जाना चाहिए इसकी सही जानकारी होनी चाहिए। दो पार्टनर के बीच सेक्स के माध्यम से एक दूसरे कि बीमारियों का इलाज करने वाला पार्टनर एक प्रकार का प्रेक्टिसनल डाक्टर ही कहा जा सकता है। यहां निशुल्क शब्द का प्रयोग इसलिए किया हूं कि प्रेम पूर्वक सेक्स का रुपये पैसे से कोई संबंध नहीं होता, जहां सेक्स और प्रेम के पीछे रुपये पैसे की बात हो वहां से प्रेम और वास्तविक सेक्स नही मिलता जो एक सरदर्द भी कम कर सके। जहां सेक्स के पीछे रुपये पैसे की बात होती है वहां पुरुष वर्ग द्वारा सिर्फ अपनी वासना बुझाई जा सकती है और पार्टनर स्त्री द्वारा अपनी आर्थिक जरुरत पूरी कि जा सकती है। इससे आगे आप खुद समझदार हैं तो समझ सकते हैं।
आते हैं मूल मुद्दे पर वास्तविक सेक्स ईश्वरीय वरदान स्वरूप गृहस्थ जीवन में या वास्तव में एक दूसरे को समर्पित प्रेमी-प्रेमिका के बीच मिलता है जब पति-पत्नी के रूप में व्यक्ति होता है और एक दूसरे कि भावनाओं को समझकर वास्तविक रूप में प्रेम पूर्वक सही जानकारी के साथ सेक्स करता वो सेक्स बहुत सारी गंभीर से गंभीर बिमारियों का इलाज है। आजकल देखा जा सकता है जो व्यक्ति ज्यादे जिम्मेदारियों तले दबा हुआ है, उसे अपनी जीवन साथी या पार्टनर के साथ वास्तविक सेक्स करने का समय ही नहीं मिलता। साम को थके हार आता है और भोजन-पानी मिलते ही बिस्तर पर सो जाता है, अपनी साथी कि कुछ अंदरूनी इच्छा है जानने कि कोशिश भी नहीं करता। अगर थोड़ी अपनी इच्छा हुई तो एन केन प्रकरेण सेक्स के नाम पर रेप किया और सो गया। वही अतृप्त स्त्री साथी अपनी अधुरी इच्छाओं को दिल में दबाये अपने पार्टनर या जीवन साथी को कुछ एहसास नहीं होने देती। लेकिन धीरे-धीरे इस बढ़ते क्रम को देखते-देखते स्त्री साथी किसी वैसे साथी कि तलाश में रहती है जो उसकी इच्छाओं को समझ पूरी कर सके वैसी स्थिति में उस अतृप्त स्त्री के साथ किसी अन्य साथी को जान लोग बदचलन कहने लगते हैं किन्तु मेरे नजरिये से वैसी स्त्री बदचलन नही होती क्योंकि? उसकी भी प्रवल इच्छा पूर्ति होनी चाहिए, जैसे मर्द बदलाव के चक्कर में अन्य स्त्रीयों पर नज़र जमाये रहते हैं वैसे ही अगर स्त्री करे तो उसे बदचलन कैसे कहा जा सकता, जब पुरुष को अन्य स्त्रियों के पीछे लगे रहने से बदचलन नही कहा जाता तो। यह सत्य है 95 प्रतिशत पुरुष वर्ग अपनी जीवन साथी या अन्य के साथ वास्तव में सेक्स नहीं रेप करता है, हां यह कहना नाजायज़ नही है। सेक्स के भ्रम में रेप- शब्द कटु सत्य है। अगर सही रूप से सेक्स किया जाए तो उस स्थिति में दोनों को एक साथ चरम सुख की प्राप्ति होती है और बहुत सारी बिमारियों से बचाव भी होता है, वैसे पार्टनर साथी को डाक्टर के यहां जाने की नौबत भी बहुत कम ही आती है।
सेक्स से होने वाले फायदे
सेक्स क्या है? वास्तविक सेक्स कैसे करें? सेक्स के द्वारा बीमारियों का इलाज कैसे करें? तमाम सेक्स से संबंधित गूगल सर्च के इस एक मुद्दा को ध्यान में रखते हुए संक्षिप्त जानकारी दे रहे हैं। इस आर्टिकल का सदुपयोग करते हुए किसी भी डाऊट या सलाह के लिए हवाटएप्स +917379622843 पर सम्पर्क किया जा सकता है। निशुल्क और सटीक सलाह विशेष विशेषज्ञों द्वारा प्राप्त होगी। मुख्य रूप से पुरुष व महिला के बीच बनने वाला यौन संबंध को सेक्स कहा जाता है। सेक्स आनन्द के साथ-साथ सृष्टि विस्तार संतान पैदा करने के लिए किया जाता है। सेक्स अनेकों तरह से किया जाता है लेकिन यह एक कला है, जिन्हें सही सेक्स कला का ज्ञान है वो औरत को पूरी तरह संतुष्ट करने में सफल रहता है। क्यों न वो औरत कईयों घंटे लगातार सेक्स की इच्छुक हो। कुछ मर्द अपनी गलती या नासमझी से सेक्स के प्रति इतना कमजोर हो जाते हैं कि अपनी स्त्री साथी के फ्लाव से पहले फ्लावित हो जाते हैं और सेक्स क्रिया से असंतुष्ट स्त्री को बच्चा पैदा करने का सौभाग्य भी प्राप्त नहीं होता इस स्थिति में समाज ज्यादातर महिलाओं को दोषी करार देते हुए मनगढ़ंत बातें करता है। जबकि ज्यादातर वास्तविक गलती पुरुषों की होती है। हस्तमैथुन की नुकसानदायक आदत के साथ ओरल सेक्स, गुदा सेक्स, तो किसी को मास्तरबेशन सेक्स में आंनद आता है। सेक्स की कोई तय रुपरेखा नही है यह दो जोड़ियों की आपसी सहमति और प्रबल इच्छाशक्ति पर निर्भर होती है। सेक्स पावर भी अपनी मानसिक इच्छा शक्ति पर निर्भर करती है, सेक्स पावर बढ़ाने के लिए महिलाओं को दवाइयों की आवश्यकता नहीं होती, महिलाओं के पास प्राकृतिक रूप से सेक्स पावर अधिक होती है लेकिन पुरुष अपनी गलत आदतों हस्तमैथुन या प्राकृतिक रूप से नामर्द का शिकार हो जो दवाईयों का उपयोग करता है उन्हें दुष्प्रभाव भी भोगना पड़ता है।
वैसे तो अतृप्त महिलाएं भी हस्तमैथुन करती हैं जो पुरुष व महिला दोनों के लिए नुकसानदायक सिद्ध हुआ है। हस्तमैथुन के दौरान महिलाओं का रज- पुरुषों का बीर्य फ्लाव होता है फ्लाव के तुरंत बाद ही खिचाव में प्राकृतिक आक्सीजन सहित नुकसानदायक वायरस भी प्रवेश कर जाता है जो नपुंसकता शिध्र पतन का कारण बनता है। प्राकृतिक रूप से भी ज्यादातर पुरषों में सेक्स छमता कम पाया गया है लेकिन औरतों में सेक्स पावर प्राकृतिक रूप से ही ज्यादा होती है। इस पर यहां जानकारी देना... आर्टिकल ज्यादा लम्बा होगा और मूल रूप से सेक्स गंभीर बीमारियों का इलाज इस आर्टिकल का मूल मुद्दा से हटना होगा। फिर भी बता दें सेक्स कला की अच्छी जानकारी हो तो कितना भी पावरफुल औरत हो संतुष्ट करते हुए पूरी तृप्ति प्रदान किया जा सकता है। तृप्ति प्रदान करने वाला सेक्स संबंध दो जोड़ियों के आपसी मिलन व भावनाओं पर निर्भर करता है। पुरुष का एक बार संकलन - फ्लाव हो जाने के बाद लगभग दस मिनट तक अपने अंग मे उत्तेजना नही ला पाता लेकिन महिला संकलित हो एक दो मिनट में ही पूनः उत्तेजित हो जाती हैं, महिला साथी वास्तव में अपनी उत्तेजना तुरंत ला सकती है, इसका प्रमाण प्राप्त करने के लिए खुद को सेक्स के दौरान नियंत्रित रखना पड़ता है। इस कंटेंट को दावे के साथ अपने अनुभव के आधार पर लिखने के लिए अपने मन को एकाग्रचित कर सात घंटे से अधिक लगातार संभोग करना पड़ा उस दौरान पार्टनर साथी का फ्लाव आठ बार हुआ। अच्छे स्वास्थ्य का गुप्त राज सम्पूर्ण सेक्स कलाओं का विस्तृत ज्ञान ही है जो इस उम्र तक अंग्रेज़ी दवाईयों का स्वाद भी नहीं चखाया। हमारे मार्गदर्शन में बिना अंग्रेजी दवाईयों का बहुतों की जिन्दगी खुबसूरत तरीके से व्यतीत हो रही है। कम छमतावान पुरुष अपने मन मस्तिष्क सहित स्त्री को पूरी तरह तैयार किए बगैर संबंध बनाता है तो वो कभी भी स्त्री को संतुष्ट नहीं कर पाता। संतुष्टि प्रदान करने के लिए सेक्स की विभिन्न कलाओं का ज्ञान आवश्यक होता है, साथ ही सेक्स के लिए तैयार होने की दशा में एक दूसरे की भावनाओं और प्रबल इच्छा शक्ति का अनुमान गुप्तांगों के माध्यम से एक दूसरे के मस्तिष्क में होना जरूरी होता है। सहवास के दौरान नस-नस में अद्भूत झनजनाहट भरा आनन्द का तार गुप्तांग सहित दिल दिमाग मस्तिष्क से होता है। नियमित रूप से रोज सेक्स करने के लिए अपने खानपान पर भी ध्यान रखना होता है। सही जानकारी के अभाव में सेक्स के नाम पर रोज़ रेप करने वाले पुरुषों को लाभ के जगह शारीरिक हानि ही होती है। साथ ही महिला साथी को तमाम शारीरिक और मानसिक परेशानीयो का सामना करना पड़ जाता है। साथ ही बीमारीयों के निदान के जगह शरीर में बीमारियों का भंडार हो जाता है।
वैसे तो अतृप्त महिलाएं भी हस्तमैथुन करती हैं जो पुरुष व महिला दोनों के लिए नुकसानदायक सिद्ध हुआ है। हस्तमैथुन के दौरान महिलाओं का रज- पुरुषों का बीर्य फ्लाव होता है फ्लाव के तुरंत बाद ही खिचाव में प्राकृतिक आक्सीजन सहित नुकसानदायक वायरस भी प्रवेश कर जाता है जो नपुंसकता शिध्र पतन का कारण बनता है। प्राकृतिक रूप से भी ज्यादातर पुरषों में सेक्स छमता कम पाया गया है लेकिन औरतों में सेक्स पावर प्राकृतिक रूप से ही ज्यादा होती है। इस पर यहां जानकारी देना... आर्टिकल ज्यादा लम्बा होगा और मूल रूप से सेक्स गंभीर बीमारियों का इलाज इस आर्टिकल का मूल मुद्दा से हटना होगा। फिर भी बता दें सेक्स कला की अच्छी जानकारी हो तो कितना भी पावरफुल औरत हो संतुष्ट करते हुए पूरी तृप्ति प्रदान किया जा सकता है। तृप्ति प्रदान करने वाला सेक्स संबंध दो जोड़ियों के आपसी मिलन व भावनाओं पर निर्भर करता है। पुरुष का एक बार संकलन - फ्लाव हो जाने के बाद लगभग दस मिनट तक अपने अंग मे उत्तेजना नही ला पाता लेकिन महिला संकलित हो एक दो मिनट में ही पूनः उत्तेजित हो जाती हैं, महिला साथी वास्तव में अपनी उत्तेजना तुरंत ला सकती है, इसका प्रमाण प्राप्त करने के लिए खुद को सेक्स के दौरान नियंत्रित रखना पड़ता है। इस कंटेंट को दावे के साथ अपने अनुभव के आधार पर लिखने के लिए अपने मन को एकाग्रचित कर सात घंटे से अधिक लगातार संभोग करना पड़ा उस दौरान पार्टनर साथी का फ्लाव आठ बार हुआ। अच्छे स्वास्थ्य का गुप्त राज सम्पूर्ण सेक्स कलाओं का विस्तृत ज्ञान ही है जो इस उम्र तक अंग्रेज़ी दवाईयों का स्वाद भी नहीं चखाया। हमारे मार्गदर्शन में बिना अंग्रेजी दवाईयों का बहुतों की जिन्दगी खुबसूरत तरीके से व्यतीत हो रही है। कम छमतावान पुरुष अपने मन मस्तिष्क सहित स्त्री को पूरी तरह तैयार किए बगैर संबंध बनाता है तो वो कभी भी स्त्री को संतुष्ट नहीं कर पाता। संतुष्टि प्रदान करने के लिए सेक्स की विभिन्न कलाओं का ज्ञान आवश्यक होता है, साथ ही सेक्स के लिए तैयार होने की दशा में एक दूसरे की भावनाओं और प्रबल इच्छा शक्ति का अनुमान गुप्तांगों के माध्यम से एक दूसरे के मस्तिष्क में होना जरूरी होता है। सहवास के दौरान नस-नस में अद्भूत झनजनाहट भरा आनन्द का तार गुप्तांग सहित दिल दिमाग मस्तिष्क से होता है। नियमित रूप से रोज सेक्स करने के लिए अपने खानपान पर भी ध्यान रखना होता है। सही जानकारी के अभाव में सेक्स के नाम पर रोज़ रेप करने वाले पुरुषों को लाभ के जगह शारीरिक हानि ही होती है। साथ ही महिला साथी को तमाम शारीरिक और मानसिक परेशानीयो का सामना करना पड़ जाता है। साथ ही बीमारीयों के निदान के जगह शरीर में बीमारियों का भंडार हो जाता है।
संतुष्टि प्रदान करने वाला सेक्स शरीर की थकान कम कर अच्छी नींद प्रदान करता है। थकान से शरीर दर्द, हल्की-फुल्की बुखार, सर दर्द हो तो अपने पार्टनर के साथ आनंद पूर्वक किया गया सेक्स इन परेशानियों से तुरंत छुटकारा दिलाने में बहुत ही सहायक होता है इस दौरान बनने वाले हार्मोन प्राकृतिक दृश्य से पेन किलर का काम करता है। नियमित सही तरीके से स्थापित यौन संबंध शरीर में दर्द बुखार सुस्ती नही होने देता। नियमित सही तरीके का सेक्स से चेहरों की झुर्रियां खत्म त्वचा खूबसूरत होती है। सेक्स के दौरान आंक्सीटोसिन रिलीज होता है इस वजह से सेक्स के बाद अच्छी नींद आती है। सेक्स के दौरान शरीर का अच्छा कसरत हो जाता है जो जीम जाने से कई गुना ज्यादा अच्छा है। रोजाना सेक्स करने से शरीर की कई गंभीर से गंभीर बीमारियां दूर हो जाती हैं। सेक्स से शरीर और मन तनाव मुक्त हो जाता है, ब्लडप्रेशर सामान्य रहता है, शरीर में ब्लड का संचार सही तरीके से होता है। शुगर लेबल मेनटेन रहता है। सेक्स के दौरान शरीर से निकलने वाला पसीना शुगर लेवल मेनटेन करने में सहायक होता है। नियमित सेक्स ह्दय रोग में बहुत ही फायदेमंद होता है, नियमित सेक्स से हार्ड अटैक की संभावना ना के बराबर होती है। प्रोस्ट्रेट कैंसर का खतरा कम हो जाता है, सेक्स के दौरान शरीर से जो द्रव्य निकलता है वह प्रोस्ट्रेट ग्रन्थी से होकर निकलता है। हाथ पैर शरीर का सम्पूर्ण हिस्सा योगा व्यायाम करने की तुलना में सेक्स के दौरान अधिक कैलोरी बर्न करता है। इस वजह से उम्र बढ़ती है हर वक्त खुशी का एहसास होता है। सेक्स के दौरान हार्मोन और अन्य कमपाऊंड रिलीज होता है जिससे संक्रमण की रोकथाम होती है। सेक्स से शरीर का हार्मोन बैलेंस हो जाता है, मासिक धर्म यानी स्त्री पीरिअड्स आने से एक हफ्ता पहले से नियमित सेक्स सम्बन्ध बनाने से हार्मोन लेवल सही रहता है, पीरियड्स आने के कुछ दिन पहले से नियमित सेक्स सबंध, पेट दर्द के साथ आने वाली पीरियड्स से छुटकारा दिलाता है। गैस बनने की संभावना कम होती है। नियमित सेक्स से पेडू की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है, इस वजह से प्रेग्नेंट के दौरान मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ता। पीठ के बल सेक्स करने से पीठ मजबूत होती है साइड से जंघा और हाथ की केहूनी जिस वजह से जिम जाने की आवश्यकता नहीं रहती। हफ्ते में दो बार सेक्स करने वाले पुरुषों को स्ट्रोक होने के बहुत कम चांस होता है। जो स्त्रियां नियमित सेक्स करती हैं उनका टेस्टोस्टेरॉन लेवल बहुत हाई होता है इस वजह से हड्डियां बहुत मजबूत होती हैं। अच्छे स्वास्थ्य के साथ बीमारियों से मुक्त जीवन यापन करने के लिए नियमित सेक्स करना ज्यादा फायदेमंद है। रिसर्च के मुताबिक दो पार्टनर में से किसी एक का भी मन नही है या एक दूसरे को एक साथ संतुष्ट नहीं करते तो यौन संबंध स्थापित करना विपरीत प्रभाव डाल देता है।
अपने पार्टनर के साथ सेक्स के नाम पर रेप के लिए पांच मिनट लेकिन उसी के साथ सफल सेक्स के लिए पांच घंटे भी लग सकते हैं।
जानिए सेक्स का सही तरीका
पुरुषों का अंग जितना आसानी से सेक्स के लिए तुरंत तैयार हो जाता है, ज्यादातर महिलाओं का अंग उतनी आसानी से तैयार नहीं होता। ज्यादातर महिलाओं का ध्यान बहुत आसानी से यौन संबंध पर नही जाता उसे यौन संबंध के लिए तैयार करना पड़ता है और इसके लिए प्रेम पूर्वक शारीरिक छेड़छाड़ से पहले इच्छाओं को जागृत करना पड़ता है। जब स्त्री की इच्छा सेक्स के लिए प्रबल दिखे तब शरीर के तमाम भागों पर चुम्बन आलिंगन प्रेम दुलार के साथ स्त्री के शरीर को भरपूर उत्तेजित करना पड़ता है। इच्छा प्रबल होने पर आलिंगन का मुख्य भाग स्त्री का स्तन, और जननांग होता है किन्तु चुम्बन आलिंगन की शुरुआत हाथों की हथेली होठ, गाल, गर्दन, ललाट फिर शरीर के विभिन्न अंगों को चुम्बन के साथ सहलाते हुए पूरी तरह संभोग के लिए गुप्तांगों को उत्तेजित करना पड़ता है जब स्त्री का अंग यौन संबंध के लिए पूरी तरह तैयार हो जाता है तब योनी से भरपूर स्राव के बाद उत्तेजित स्त्री के स्तन का अग्र भाग टीसू को अपने होठों से चुसते योनी को प्यार दुलार करते नस नस को उत्तेजित करने के साथ संबंध बनाने पर स्त्री या पुरुष को दर्द नहीं मधूर बेतहासा आनन्द प्राप्त होती है। जो शरीर के नस-नस को तृप्त कर देती है।
ज्यादातर पुरुष स्त्री के अंगों को थोड़ा छुकर ही यौन सम्बन्ध स्थापित करने लगते हैं जब तक स्त्री यौन सुख प्राप्ति के लिए तैयार होती है तबतक पुरुष थक-हार अपने लिंग को बाहर कर लेता है ऐसी दशा में लिंग प्रवेश के दौरान स्त्री को असहनीय पीड़ा भी होती है और उस पुरुष के साथ यौन संबंध बनाने से कतराने भी लगती है। लिंग योनी में प्रवेश तभी सुखदायी होता है जब स्त्री कि योनी पूरी तरह सेक्स के लिए उत्तेजित तैयार हो चुकी रहती है। उस स्थिति में न लिंग प्रवेश में दिक्कत होती है न स्त्री या पुरुष के अंगों में दर्द बल्कि चरम सुख की प्राप्ति होती है। स्त्री कि उत्तेजना को ध्यान में रखते हुए सहवास करने से ज्यादा देर तक संभोग किया जा सकता है। ज्यादातर पुरुषों की सेक्स छमता कम होती है उसका ख्याल स्त्री को भी रखना पड़ता है अन्यथा एक साथ संखलन नही होता और पुरुष हार स्त्री को संतुष्ट नहीं कर पाता। संभोग के तुरंत बाद स्त्री-पुरुष को अलग-अलग नही होना चाहिए इससे गुप्त अंगों में आक्सीजन का प्रवेश हो जाता है क्योंकि संखलन के बाद शिश्न-योनी दोनों में खिंचाव होता है ऐसी स्थिति में कुछ समय तक जब तक साँसे पूरी तरह सामान्य स्थिति में न हो जाए गुप्त अंगों में पूरी शिथिलता न हो जाए एक-दूसरे से अलग नहीं होना चाहिए उसी स्थिति में रहने से पुनः मिश्रित स्राव एक दूसरे के अंगों में चला जाता है जो स्त्री पुरुष दोनों के स्वास्थ्य के लिए उत्तम होता है। सेक्स के दौरान अगर गर्भ धारण करने कि इच्छा न हो और संबंध सुखदायी की इच्छा तो बैठ कर सेक्स करें इस स्थिति में गर्भ ठहरने की संभावना नहीं रहती लेकिन पूरी तरह सेक्स के लिए तैयार किए बगैर बैठकर सहवास दर्दप्रद भी हो सकता है इसलिए जब पूरी तरह महिला का स्राव हो और उत्तेजना प्रबल हो तब ही बैठकर सेक्स आनंददायी होता है। सबसे बड़ी बात सेक्स कला की जानकारी का होना जरूरी है। सेक्स से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कलात्मक जानकारी या सुझाव के लिए उपरोक्त भारतीय हवाटएप्स नम्बर पर सम्पर्क किया जा सकता है।
ज्यादातर पुरुष स्त्री के अंगों को थोड़ा छुकर ही यौन सम्बन्ध स्थापित करने लगते हैं जब तक स्त्री यौन सुख प्राप्ति के लिए तैयार होती है तबतक पुरुष थक-हार अपने लिंग को बाहर कर लेता है ऐसी दशा में लिंग प्रवेश के दौरान स्त्री को असहनीय पीड़ा भी होती है और उस पुरुष के साथ यौन संबंध बनाने से कतराने भी लगती है। लिंग योनी में प्रवेश तभी सुखदायी होता है जब स्त्री कि योनी पूरी तरह सेक्स के लिए उत्तेजित तैयार हो चुकी रहती है। उस स्थिति में न लिंग प्रवेश में दिक्कत होती है न स्त्री या पुरुष के अंगों में दर्द बल्कि चरम सुख की प्राप्ति होती है। स्त्री कि उत्तेजना को ध्यान में रखते हुए सहवास करने से ज्यादा देर तक संभोग किया जा सकता है। ज्यादातर पुरुषों की सेक्स छमता कम होती है उसका ख्याल स्त्री को भी रखना पड़ता है अन्यथा एक साथ संखलन नही होता और पुरुष हार स्त्री को संतुष्ट नहीं कर पाता। संभोग के तुरंत बाद स्त्री-पुरुष को अलग-अलग नही होना चाहिए इससे गुप्त अंगों में आक्सीजन का प्रवेश हो जाता है क्योंकि संखलन के बाद शिश्न-योनी दोनों में खिंचाव होता है ऐसी स्थिति में कुछ समय तक जब तक साँसे पूरी तरह सामान्य स्थिति में न हो जाए गुप्त अंगों में पूरी शिथिलता न हो जाए एक-दूसरे से अलग नहीं होना चाहिए उसी स्थिति में रहने से पुनः मिश्रित स्राव एक दूसरे के अंगों में चला जाता है जो स्त्री पुरुष दोनों के स्वास्थ्य के लिए उत्तम होता है। सेक्स के दौरान अगर गर्भ धारण करने कि इच्छा न हो और संबंध सुखदायी की इच्छा तो बैठ कर सेक्स करें इस स्थिति में गर्भ ठहरने की संभावना नहीं रहती लेकिन पूरी तरह सेक्स के लिए तैयार किए बगैर बैठकर सहवास दर्दप्रद भी हो सकता है इसलिए जब पूरी तरह महिला का स्राव हो और उत्तेजना प्रबल हो तब ही बैठकर सेक्स आनंददायी होता है। सबसे बड़ी बात सेक्स कला की जानकारी का होना जरूरी है। सेक्स से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कलात्मक जानकारी या सुझाव के लिए उपरोक्त भारतीय हवाटएप्स नम्बर पर सम्पर्क किया जा सकता है।
सेक्स से नुकसान
शारीरिक व्यवसायी महिलाओं के सम्पर्क में अपनी वासना पूर्ति के लिए जाने वाले पुरुष और वो व्यवसायी महिलाएं किसी बीमारी का इलाज नही हैं। बल्कि गंभीर बीमारियों को एक दूसरे के साथ फैलाने का काम करते/करती हैं। एक पुरुष सम्बन्ध बनाकर हटा फिर उस व्यवसायी महिला के साथ दुसरा तीसरा चौथा लगातार पुरुष सम्बन्ध बनाते रहते हैं इससे एक दूसरे का संक्रमण एक दूसरे में जाकर गम्भीर बीमारीयों को फैलाने का काम करता है। एड्स गंभीर बीमारी यह असुरक्षित यौन संबंध से ज्यादा फैलता है। गुप्त अंगों में खुजली, फफूंदी, दुर्गन्ध यौन रोग का प्राथमिक लक्षण है किसी भी महिला पुरुष को अपने दिनचर्या में स्नान के साथ नियमित रूप से अपने गुप्त अंगों कि धुलाई सफाई अच्छी तरह से करनी चाहिए बल्कि सेक्स करने से पहले भी कम से कम पानी से अंगो की धुलाई कर लेनी चाहिए। क्योंकि? उत्तेजित होने या उत्तेजना बढ़ाने के लिए गुप्त अंगों को प्यार दुलार करते मुख, होठ, जीभ भी उपयोग में लाया जा सकता है। अच्छी तरह से साफ-सफाई होने से दुर्गन्ध नही आती।
गूगल सर्च में सैकड़ों मिलियन लोगों का सर्च रजस्वला, पीरियड्स वाली स्त्री के साथ संबंध बनाने की... अगले आर्टिकल में सम्पूर्ण जानकारी। पीरियड्स सेक्स कितना फायदेमंद और क्या है नुकसान? पीरियड्स वाली औरतों को बाल कब और कैसे धोनी चाहिए, पीरियड्स से कितने दिन पहले और बाद में सेफ सेक्स डेज, एग कब रिलीज होता है, सम्पूर्ण गुप्त जानकारी पढ़ने जानने के लिए यहां क्लिक किजिये।
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