रजनी शाह की संघर्ष, समर्पण बना महिलाओं के लिए प्रेरणादायक कहानी
रजनी शाह का नाम भारत और यूनाइटेड किंगडम में सामाजिक कार्यों, शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के लिए जाना जाता है। वह न केवल एक शिक्षिका और सामाजिक कार्यकर्ता हैं, बल्कि उन लाखों महिलाओं और लड़कियों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी हैं, जो अपने जीवन में बदलाव लाने का सपना देखती हैं।
उनकी उपलब्धियों में सबसे प्रमुख है कॉमन हाउस ऑफ यूके में 'प्रॉमिसिंग प्रोफेशनल अवार्ड 2023' प्राप्त करना, जो उनके अथक प्रयासों और समर्पण का प्रमाण है। इसके साथ ही, वह इंस्पायरिंग इंडियन वूमेन (IIW) के गुवाहाटी चैप्टर की उप निदेशक के रूप में कार्यरत हैं। उनकी कहानी है एक महिला की, जिसने संघर्षों और चुनौतियों के बीच अपनी राह बनाई और अपने समाज के लिए प्रेरणा का प्रतीक बनीं।
प्रारंभिक जीवन और चुनौतियाँ:
रजनी का जन्म एक निम्न-मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ। आर्थिक तंगी, संसाधनों की कमी और सामाजिक चुनौतियाँ उनके जीवन का हिस्सा थीं। वह बताती हैं कि उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती एक टीम बनाना और समाज के लिए काम करने के लिए लोगों को प्रेरित करना था।
उन्होंने अपने विचारों को हम लेखक अमित श्रीवास्तव के साथ साझा करते हुए बताया कि मैं आर्थिक रूप से इतनी सक्षम नहीं थी, मैं स्वयंसेवकों को भुगतान नहीं कर सकती थी। मैंने कई लोगों से समुदाय के लिए काम करने की अपील की, लेकिन ज्यादातर लोगों ने मना कर दिया।
लेकिन उनके दृढ़ निश्चय और समर्पण ने उन्हें कभी हार मानने नहीं दी। वह कहती हैं, आज तक मैं अपनी पूरी कोशिश से काम कर रही हूँ। मैं अपने शेड्यूल को व्यवस्थित करती हूँ और उसी के अनुसार काम करती हूँ। उनके इस बातों का तात्पर्य यह है कि जब आदमी किसी काम को पूरा करने के लिए ठान लेता है, तो कोई भी उस काम को पूरा करने से रोक नहीं सकता। यह संकल्प ही रजनी के जीवन में हर जरूरत को पूरा करता है। सर्वप्रथम इस दृढ़ता और समर्पण का फल उन्हें तब मिला, जब अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर उन्हें कॉमन हाउस ऑफ यूके से सम्मानित किया गया। यह उनकी अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है। तो आइये भगवान श्री चित्रगुप्त जी महाराज के देव वंश-अमित श्रीवास्तव की कर्म-धर्म लेखनी में जो रजनी के जीवन की गहराई को समझ इस लेख में पूरी कहानी को बताने जा रहे हैं तो अंत तक पढ़िए और रजनी के इस कहानी से अच्छाईयों को ग्रहण करने का प्रयास किजिए, ताकि लेखनी भी सार्थक हो और आपके द्वारा समय देकर पढ़ने का उद्देश्य भी पूरा हो सके। हर तरह की लेखनी नियमित रूप से पढ़ने के लिए बेल आइकन को दबा एक्सेप्ट किजिए ताकि न्यू अपडेट का नोटिफिकेशन गूगल से आप तक पहुंच सके।
रजनी का परिवार के प्रति समर्पण:
एक शिक्षिका, सामाजिक कार्यकर्ता और आईटी स्नातक होने के बावजूद, रजनी ने अपने माता-पिता की देखभाल को अपनी पहली प्राथमिकता देती हैं। अपने अनुभव साझा करते हुए वह कहती हैं, "अपने माता-पिता की इकलौती संतान होने के नाते मैंने उनकी देखभाल करना चुना। मैंने हमेशा उनके प्रति अपने कर्तव्यों को सर्वोपरि रखा।"
रजनी का मानना है कि माता-पिता हमारी जिंदगी के सच्चे आशीर्वाद होते हैं। वह कहती हैं, माता-पिता हमसे बहुत ज़्यादा अपेक्षा नहीं करते। वे केवल प्यार और देखभाल चाहते हैं। वे हमारे लिए अपने आराम और सुख का त्याग करते हैं। इसलिए यह हमारा कर्तव्य है कि जब उन्हें हमारी सबसे अधिक जरूरत हो, तो हम उनके साथ खड़े रहें।
शिक्षा: रजनी का जुनून और उद्देश्य:
रजनी की शिक्षा के प्रति प्रेरणा उनकी माँ से आती है, जो खुद एक शिक्षिका थीं। वह कहती हैं- मेरी माँ मेरे जीवन की सबसे बेहतरीन शिक्षिकाओं में से एक हैं। उनका काम के प्रति जुनून मेरे लिए हमेशा प्रेरणा का स्रोत रहा है।
एक वैदिक गणित शिक्षिका और यूट्यूबर के रूप में, रजनी ने न केवल बच्चों को शिक्षित किया बल्कि उनकी रचनात्मकता को भी उभारा। वह मानती हैं कि शिक्षण एक ऐसा पेशा है, जो बाकी सभी पेशों को जन्म देता है। इसके साथ ही, यह उन्हें अपनी रचनात्मकता को व्यक्त करने का भरपूर समय भी देता है।
सामाजिक कार्य और महिला सशक्तिकरण में रजनी की भूमिका:
रजनी के अनुसार, समाज के प्रति योगदान करना उनका कर्तव्य है। वह कहती हैं, - मैंने अपने समुदाय से बहुत कुछ पाया है, और अब उसे लौटाना मेरा फर्ज है। इंस्पायरिंग इंडियन वूमेन (IIW) के गुवाहाटी चैप्टर की उप निदेशक के रूप में, उन्होंने कई महिलाओं और बच्चों की मदद की। उन्होंने उन बच्चों को स्टेशनरी और शैक्षिक सामग्री प्रदान की और करती रहती हैं, जिनके माता-पिता इसे वहन नहीं कर सकते।
COVID-19 महामारी के दौरान, उन्होंने संक्रमित लोगों के घरों तक भोजन और ज़रूरी सामग्री पहुँचाई। हाल ही में, उन्होंने कौशल्या यूके के तहत एक महिला को सिलाई का प्रशिक्षण दिलाया और पाठ्यक्रम पूरा होने पर उसे सिलाई मशीन प्रदान करने का वादा किया, ताकि वह आत्मनिर्भर बन सके।
स्वास्थ्य और समानता के लिए योगदान:
रजनी महिलाओं के स्वास्थ्य और समानता के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर सक्रिय रूप से अपनी आवाज उठाती हैं। उनका मानना है कि स्वास्थ्य ही सबसे बड़ी पूँजी है। उन्होंने महिलाओं को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाने के लिए वैकल्पिक उपायों की वकालत की हैं और इसे अपने मिशन का हिस्सा बनाया है। स्वास्थ्य और समानता के मुद्दों पर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर अपने विचार रखते हुए, रजनी ने विशेष रूप से महिलाओं के स्वास्थ्य पर जोर दिया है। वह कहती हैं, - महिलाएँ अक्सर अपने स्वास्थ्य की अनदेखी करती हैं और तब तक जागरूक नहीं होतीं, जब तक स्थिति गंभीर न हो जाए।
उन्होंने महिलाओं को स्वस्थ रखने और उन्हें खुशहाल जीवन जीने के लिए वैकल्पिक उपायों की आवश्यकता पर बल दिया है। उनके अनुसार, एक स्वस्थ महिला ही एक स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण कर सकती है।
रचनात्मकता और व्यक्तिगत विकास
रजनी ने अपने जीवन में संगीत, लेखन और शिक्षण जैसे विभिन्न क्षेत्रों में काम किया है। वह मानती हैं कि रचनात्मकता हर व्यक्ति को अपने जीवन में आगे बढ़ने का रास्ता दिखा सकती है। वह कहती हैं, - जब भी मैं उदास होती हूँ, मेरी रचनात्मकता मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। रजनी का कहना है दादा का एक कथन हमेशा प्रेरित करता है- आकाश की कोई सीमा नहीं है। वह इसे अपने जीवन का मंत्र मानती हैं और सीखने को एक सतत प्रक्रिया मानती हैं।
समाज में बदलाव लाने का उद्देश्य:
रजनी का मानना है कि सकारात्मक चर्चा, ठोस कदम और एक-दूसरे की मदद से समाज में बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं। वह कहती हैं- हर समस्या का समाधान होता है, बस हमें सिस्टम को सही से समझने की जरूरत है।
रजनी शाह के सम्मान और पुरस्कार
1. इंस्पायरिंग इंडियन वुमन (IIW) शीइंस्पायर अवार्ड - यह सम्मान उन्हें ब्रिटेन की संसद से प्राप्त हुआ।
2. काकली पटवारी स्मृति पुरस्कार - शक्ति मैनिफेस्ट द्वारा आयोजित भाषण प्रतियोगिता में दूसरा स्थान।
3. इंडियन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स से सम्मान।
4. संगीत में विजेता पुरस्कार - फ्लाइंग पेटल्स, हैदराबाद द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में।
5. अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पुरस्कार 2023 - शिक्षा में उत्कृष्टता के लिए एसकेआरआईएस, मुंबई द्वारा।
6. अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पुरस्कार 2023 - स्ट्री मिशन द्वारा भाषण प्रतियोगिता के लिए।
7. द सुपर वुमन अवार्ड 2023 - सहारा चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा।
8. द प्राइड ऑफ इंडिया अवार्ड 2023 - सोशल प्वाइंट फाउंडेशन द्वारा।
9. इंस्पिरेशन अवार्ड 2023 - हर स्टोरी टाइम्स द्वारा।
10. मिस नाइटिंगेल का खिताब - संगीत प्रतियोगिता में जीत के लिए विद्या एकेडमी ऑफ फाइन आर्ट्स, चेन्नई द्वारा।
11. राष्ट्रीय प्रतिष्ठा पुरस्कार - सामाजिक कार्यों के लिए वर्थी वेलनेस फाउंडेशन द्वारा।
12. राष्ट्रीय महिला उत्कृष्टता पुरस्कार - नेशनल एकेडमी ऑफ आर्ट एजुकेशन द्वारा।
13. निबंध लेखन प्रतियोगिता में विजेता पुरस्कार - एस्पायर कोचिंग सेंटर द्वारा।
14. महिला दिवस 2022 के व्यक्तिगत प्रतिभा प्रतियोगिता का विजेता पुरस्कार।
15. स्वस्थ भारत कला प्रतियोगिता में विजेता पुरस्कार - राष्ट्रीय शैक्षिक विकास केंद्र द्वारा।
16. गायन में विजेता पुरस्कार - वंडर बडीज़, मुंबई द्वारा आयोजित।
रजनी शाह के ये पुरस्कार और सम्मान उनके अथक परिश्रम, दृढ़ता और समाज के प्रति योगदान का प्रमाण हैं।
रजनी शाह को अपने सामाजिक कार्यों और महिलाओं के सशक्तिकरण के प्रति समर्पण के लिए कौशल्या यूके द्वारा भारत की ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया गया है। यह भूमिका उनके जीवन के उद्देश्यों और समाज के प्रति उनके योगदान को दर्शाती है। ब्रांड एंबेसडर के रूप में, रजनी का काम महिलाओं को सशक्त बनाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए कौशल-आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रमों को बढ़ावा देना है। उन्होंने इस दिशा में कई महत्वपूर्ण पहल की हैं, जिनमें महिलाओं को सिलाई और अन्य व्यावसायिक कौशल सिखाने के साथ-साथ उन्हें रोजगार के साधन उपलब्ध कराना शामिल है।
रजनी का मानना है कि शिक्षा और आत्मनिर्भरता ही वह दो प्रमुख साधन हैं, जिनसे महिलाएँ अपने और अपने परिवार के जीवन को बेहतर बना सकती हैं। अपनी माँ से प्रेरित होकर, जिन्होंने उन्हें जीवन में संघर्ष करना सिखाया, रजनी ने कौशल्या यूके के माध्यम से उन महिलाओं के लिए काम करना शुरू किया, जो आर्थिक और सामाजिक रूप से कमजोर हैं। उन्होंने कई महिलाओं को प्रशिक्षण देकर उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया है।
ब्रांड एंबेसडर के रूप में रजनी का कार्य न केवल उनके सपनों को साकार कर रहा है, बल्कि भारत में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक मजबूत कदम है। उनका यह प्रयास समाज में एक उदाहरण प्रस्तुत करता है कि यदि सही दिशा में प्रयास किए जाएँ, तो हर महिला अपने सपनों को साकार कर सकती है।
मां का छूटा साथ पिता के देखभाल कि बढ़ी जिम्मेदारी:
रजनी शाह का जीवन संघर्ष, साहस और आत्मनिर्माण का अद्वितीय उदाहरण है। 4 अक्टूबर 2024 का दिन उनके लिए सबसे कठिन साबित हुआ, जब उन्होंने अपनी माँ को खो दिया। उनकी माँ रीता शाह जो न केवल रजनी की प्रेरणा थीं, बल्कि उनके जीवन की सबसे मजबूत आधारशिला भी थीं, के निधन ने रजनी की मानसिक स्थिति को बुरी तरह से प्रभावित किया। माँ की अनुपस्थिति ने रजनी को भावनात्मक रूप से तोड़ दिया और उन्हें ऐसा महसूस हुआ जैसे उनकी दुनिया बिखर गई हो। इस शोक के साथ जीना और खुद को संभालना उनके लिए एक बड़ी चुनौती बन गया।
हालांकि, रजनी ने इस कठिन परिस्थिति को अपने जीवन का अंत नहीं बनने दिया। उन्होंने अपने भीतर छुपी हुई शक्ति को पहचाना और खुद को इस दुख से उबारने का फैसला किया। उन्होंने सेराजेम थेरेपी सेंटर में जाना शुरू किया, जहाँ उन्होंने अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारने की प्रक्रिया शुरू की। धीरे-धीरे, उन्होंने न केवल अपने अंदर की पीड़ा को समझा, बल्कि उसे एक नई ऊर्जा में बदल दिया। उन्होंने अपने जीवन को दोबारा उसी जज़्बे और आत्मविश्वास के साथ जीने का संकल्प लिया, जो उनकी माँ उन्हें सिखाया करती थीं।
इस कठिन दौर से उबरने के बाद, रजनी ने अपने अनुभवों को दूसरों के साथ साझा करना शुरू किया और उन लोगों के लिए प्रेरणा बनीं, जो जीवन की चुनौतियों से हार मानने की स्थिति में होते हैं। उन्होंने अपनी माँ के आदर्शों को जीवित रखने के लिए सामाजिक कार्यों में और अधिक सक्रियता से भाग लिया और महिलाओं के सशक्तिकरण के प्रति अपने प्रयासों को दोगुना कर दिया। रजनी का यह संघर्ष और आत्मनिर्माण का सफर हमें सिखाता है कि चाहे परिस्थितियाँ कितनी भी कठिन क्यों न हों, अगर इंसान अपने भीतर की शक्ति को पहचान ले, तो वह हर मुश्किल को अवसर में बदल सकता है। रजनी के ऊपर अब पिता राजेन्द्र प्रसाद शाह कि देखभाल की पूरी जिम्मेदारी है। नियमित अपने पिता की देखभाल करते हुए समाज में महिलाओं के प्रति अपनी भूमिका निभाने में लगी रहती हैं।
रजनी की कहानी युवतियों और महिलाओं के लिए एक प्रेरणादायी शिक्षा:
रजनी शाह का जीवन एक प्रेरक कहानी है, जो यह दिखाता है कि दृढ़ निश्चय, समर्पण और रचनात्मकता से किसी भी बाधा को पार किया जा सकता है। वह अपने समाज के लिए एक ऐसी मिसाल हैं, जो यह साबित करती हैं कि एक व्यक्ति दूसरों के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है। उनकी कहानी उन सभी के लिए आशा और प्रेरणा का प्रतीक है, जो दुनिया में सकारात्मक बदलाव लाने की इच्छा रखते हैं।
रजनी शाह की प्रेरणादायक कहानी समाज के लिए एक महत्वपूर्ण शिक्षा का स्रोत है। उनका जीवन संघर्ष, साहस और सेवा का ऐसा उदाहरण है जो यह दर्शाता है कि इच्छाशक्ति और समर्पण से कोई भी व्यक्ति अपने जीवन को न केवल सफल बना सकता है, बल्कि समाज के लिए भी सकारात्मक बदलाव ला सकता है। रजनी ने विपरीत परिस्थितियों में भी हार नहीं मानी और अपने संकल्प को मजबूती दी। उनकी माँ के निधन के बाद आई मानसिक और भावनात्मक चुनौतियों का सामना कर उन्होंने खुद को न केवल फिर से खड़ा किया, बल्कि दूसरों के जीवन में बदलाव लाने का भी संकल्प लिया। उन्होंने कौशल्या यूके की भारत ब्रांड एंबेसडर के रूप में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कार्य किया और उनके लिए रोजगार के अवसर पैदा किए। यह दिखाता है कि व्यक्तिगत त्रासदी भी दूसरों के लिए प्रेरणा का माध्यम बन सकती है।
उनकी कहानी सिखाती है कि शिक्षा, रचनात्मकता और सेवा का सही उपयोग न केवल अपने जीवन को, बल्कि समाज को भी बदल सकता है। महिलाओं को सशक्त बनाने और उनके कौशल को पहचानने की दिशा में उनके प्रयास यह संदेश देते हैं कि हर व्यक्ति में अपनी सीमाओं को पार करने की क्षमता होती है। रजनी की कहानी हमें यह भी सिखाती है कि कोई भी कार्य छोटा नहीं होता। चाहे वह शिक्षा के माध्यम से समाज को जागरूक करना हो, स्वास्थ्य पर ध्यान देना हो, या कोविड जैसे कठिन समय में जरूरतमंदों तक भोजन पहुँचाना—हर छोटा कदम एक बड़ा बदलाव ला सकता है। उनका जीवन हमें यह प्रेरणा देता है कि हमें अपनी मुश्किलों को अवसर में बदलना चाहिए और अपने समुदाय को लौटाने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। रजनी शाह की कहानी इस बात की गवाह है कि सही दृष्टिकोण और कर्मठता से व्यक्ति अपने जीवन में बदलाव लाकर दूसरों के लिए प्रेरणा बन सकता है।