ठकाठक… ठकाठक… हर साल खाते में भेजेगी कांग्रेस सरकार 1 लाख रुपए! राहुल के भाषण से बीजेपी परेशान

कहते हैं कि अगर चुनाव में सही रणनीति ना हो तो हर बार चुनाव के चरण दर चरण अपनी बात से हट जाना उस राजनीतिक पार्टी के लिए चुनाव में जीतने की कॉन्फिडेंस को कम करती हुई नजर आती है।
 कभी 400 के पार संविधान बदलने के लिए जनता से अपील किए जाने वाले मुद्दे चुनाव के दूसरे चरण में गायब हो गया। ‌ फिर अचानक अडानी-अंबानी और कांग्रेस पर आरोप लगाना कि टेंपो में भर-भर के कांग्रेस को पैसा पहुंचाया गया है। ‌ सत्ता परिवर्तन के बदलाव की ओर संकेत करता है।
माना जाता है कि हर बिजनेसमैन राजनीतिक दल को उसके सत्ता में आने की संभावना के अनुसार छोटा या बड़ा चंदा देते हैं। ऐसे में अगर चुनाव के दूसरे तीसरे चरण के बाद पूंजीपतियों को यह एहसास हो जाए कि सत्ता बदलने वाली है तो उस राजनीतिक दल को चंदा देने की कवायद शुरू हो जाती है, जो सत्ता पर काबिज होने वाली है। इसीलिए शायद नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर आरोप लगाकर यह साबित करने की कोशिश किया कि कांग्रेस को अडानी और अंबानी से चंदा मिला है।

राजनीतिक अनुमान है लेकिन इसके इर्द-गिर्द ही राजनीति की गोटिया राजनीतिक दल और पूंजीपतियों के द्वारा बिछाई जाती है। 

इसके साथ ही मंगलसूत्र और मुस्लिम पर बड़े बोल, आखिरकार यह सब लक्षण नजर आ रहे हैं कि इस बार भाजपा अपनी पिछली बार के मुकाबले सीटें गंवा रही है। प्रशासनिक तंत्र में भी सत्ता परिवर्तन के संकेत मिलने लगे हैं। दिल्ली के इनकम टैक्स कार्यालय में फाइलों कंप्यूटर डाटा में आग लगने की घटना इस बात का संकेत है कि कुछ छुपाया जा रहा है, कुछ मिटाया जा रहा है। हालांकि सब जानते हैं कि हर बार जब सत्ता परिवर्तन का संकेत मिलता है तो यह घटनाएं लगातार होती है। ‌

आग लगाकर किया जा रहा है फाइलों को नष्ट!

दिल्ली के आयकर विभाग में आग लगने की घटना से एक लोगों की मौत होने की खबर आ रही है। इससे यह पुष्टि हो जाती है कि सत्ता परिवर्तन से पहले की स्थिति आग लगने की कई घटनाएं सामने आती हैं जिसमें कुछ छुपाने की कोशिश होती है, ऐसा राजनीतिक गलियारों में बात होती रहती है। हालांकि कुछ लोग गर्मी में आग लगने की घटना को आम बताते हैं लेकिन आयकर विभाग की एक बिल्डिंग में आग लगा एक बड़ी कहानी रच रही है। जब-जब सत्ता परिवर्तन हुआ इस तरह की घटनाएं आम बात रही है।

गोदी मीडिया का झुकाव विपक्ष की ओर 

कहते हैं कि सत्ता परिवर्तन की लहर जब देखने को मिलती है तो जितने भी सत्ता पक्ष के साथ लाभ लेने वाले व्यापारी, मीडिया, उनसे कटना शुरु कर देते हैं। यही हाल गोदी मीडिया का है। पूंजीपतियों की ही मीडिया है। इसलिए टीवी चैनलों में भी सत्ता परिवर्तन की लहर पूंजीपतियों तक पहुंच रही है। ‌ ऐसे में अनुमान लगाया जा सकता है कि सत्ता परिवर्तन होने की सुगबुगाहट मिल रही है। 

2014 के बाद से पूरी गोदी मीडिया सत्ता पक्ष की गोदी में बैठकर ही सत्ता को जीतने का खेल शुरू कर दिया है। ऐसे में आने वाले समय में सत्ता परिवर्तित होती है तो यही मीडिया नई सत्ता की गोदी में बैठकर खेलना शुरू कर देगी। 
बरहाल विशेषज्ञ कहते हैं कि सत्ता परिवर्तन की आहट सरकारी कर्मचारियों अधिकारियों में सबसे पहले सत्ता परिवर्तन की बेचैनी देखने को मिल जाती है। व्यापारियों को हित पहुंचानेवाले और जो व्यापारी सत्ता पर पक्ष के हित में काम कर‌ रही है, उन्हें इनकम टैक्स की नोटिस भी पहुंचना शुरू हो गया है। ‌
सरकारी ऑफिस में आग लगने की घटना फाइलों को जला देने वाली घटना आम बात है ऐसा सत्ता परिवर्तन की शुभ विवाह से पहले कई बार हो चुका है। 

ठकाठक ठकाठक हर साल महिलाओं के खाते में एक लाख रुपए देने का वादा

₹15 लाख देने का वादा भारतीय जनता पार्टी का जुमला साबित हुआ है। ‌ अब कांग्रेस भी अपने न्याय पत्र के जरिए लोक लुभावना वादे किए हैं। ‌
जिसमें महिलाओं को ₹100000 सालाना इनकम देने की बात कही गई है। ‌ 
अब इस लोक लुभावने वादे के कारण बीजेपी अपने घोषणा पत्र की बात उतनी प्रमुखता से नहीं करती है। पिछले 10 साल की घोषणा पत्र में भ्रष्टाचार और महंगाई, नौकरी की उनके वादे मिट्टी में मिल गए हैं। ‌
राहुल गांधी अपने भाषण में ठकाठक ठकाठक हर साल ₹100000 महिलाओं के खाते में डालने की बात करते हुए नजर आते हैं। 
30 लाख सरकारी नौकरी और हर ग्रेजुएट को अप्रेंटिसशिप योजना का लाभ देकर उन्हें रोजगार से जोड़ने की बात का वादा करके भारतीय जनता पार्टी के जुमले का जवाब देते हुए कांग्रेस के राहुल गांधी पप्पू से होशियार बन गए हैं, यह बात अब भाजपा को सहन नहीं हो रही है।
इसके साथ ही महिलाओं को 50% आरक्षण की बात भी कांग्रेस कर रही है। ‌ तो वहीं गोदी मीडिया की गोद में बैठी हुई सत्ता पक्ष अपने अलग मुद्दे ही अलाप रही है।


केजरीवाल की 10 गारंटी से मोदी की गारंटी की उड़ी हवा

शराब घोटाले के आरोपी अरविंद केजरीवाल के जेल से अंतरिम जमानत पर छूटने के बाद राजनीति और चुनाव दोनों ही नए तूफान लाने के लिए आतुर है। अरविंद केजरीवाल लगातार ताबड़तोड़ बात कहते हुए भाजपा के लिए मुसीबत का सबब बन रहे है। ‌ अरविंद केजरीवाल चीन के कब्जे में हिंदुस्तान की जमीन को वापस लाने का भी वादा करते हुए भाजपा को तगड़ा चुनौती दे रहे हैं। 
भ्रष्टाचार और विपक्ष नेताओं को जेल भेजने, ED  का दुरुपयोग करने के राजनीतिक मसले अरविंद केजरीवाल उठाकर बीजेपी की मसाला राजनीति (spices politics) को चकनाचूर कर दिया है। 

इसके साथ ही बीजेपी की वाशिंग मशीन की पोल खोलते हुए आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल सीधे भारतीय जनता पार्टी पर निशाना कसते हुए कहते हैं कि  विपक्ष के नेताओं को ED का डर दिखाकर उन्हें अपने वाशिंग मशीन में धुल कर अपने पार्टी में शामिल कर रहे हैं। ‌जैसे ही भारतीय जनता पार्टी में कोई भ्रष्ट शामिल हो जाता है तो वह साफ सुथरा भारतीय जनता पार्टी के लिए हो जाता है। अरविंद केजरीवाल बड़े चतुराई से भाजपा को घेरती नजर आ रही है। ‌इससे भाजपा की मुश्किलें और बढ़ती चली जा रही है। दिल्ली की जनता भावनात्मक रूप से अरविंद केजरीवाल के साथ जुड़ी हुई है ऐसे में दिल्ली में भाजपा जनता पार्टी की दाल करने वाली नहीं है। 

सत्ता परिवर्तन की  हलचल सरकारी कार्यालयों में

इधर जब से चुनाव शुरू हुआ इनकम टैक्स दनादन दनादन व्यापारियों को नोटिस भेज रही है। अधिकतर यह नोटिस उन व्यापारियों को भेजी गई है, जो किसी न किसी रूप में भाजपा के समर्थक या उन्हें फायदा पहुंचाने वाले हैं।

सत्ता परिवर्तन का अनुमान इन पांच बिंदुओं से लगाया जा सकता है 

शेयर मार्केट का गिरना: अस्थिर सरकार सत्ता परिवर्तन के कारण निवेशक बाजार पर विश्वास नहीं कर रहे हैं।

अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिलना और राजनीतिक दूर दृष्टि का इस्तेमाल कर भाजपा के हर सवाल का जवाब देना। भाजपा के खिलाफ सही रणनीति से आगे बढ़ाना सत्ता बदलने के रुझान है।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के द्वारा व्यापारियों को लगातार नोटिस भेजी जा रही है। ‌ सरकारी कार्यालय की यह हलचल सत्ता बदलने के रुझान की तरफ संकेत करता है। 

दिल्ली में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के एक बिल्डिंग में आग लगने की घटना से अनुमान लगाया जा रहा है कि फाइलों को नष्ट करने की कई कहानी रचती है। 

गोदी मीडिया सत्ता बदलने के कारण अपने चुनावी प्रोपेगेंडा में असफल नजर आती हुई। ‌ सत्ता बदलने का यह रुझान है। 

बहरहाल राजनीतिक गलियारों में होने वाली उठा पटक की संभावना से सत्ता परिवर्तन की बातें इस आर्टिकल में बताई गई है अभी लगभग 15 से 20 दिन का समय बचा हुआ है ऐसे में कई और रुझान इन दोनों देखने को मिल सकता है।
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