महान दार्शनिक थे डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन: सुरेश तिवारी
देवरिया। भाटपार रानी स्थानीय तहसील क्षेत्र के खामपार स्थित गुरुकुल शिक्षण संस्थान में महान शिक्षाविद, भारत के द्वितीय राष्ट्रपति, भारत रत्न से अलंकृत डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती शिक्षक दिवस के रूप में मनाई गई। विद्यालय परिवार के द्वारा उनके चित्र पर माल्यार्पण अर्पित किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भाजपा के जिला कार्यसमिति सदस्य सुरेश तिवारी ने कहा कि डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु प्रांत के तिरूतानी गांव में हुआ था। उनके माता का नाम सिताम्मा देवी एवं पिता का नाम सर्वपल्ली वीरा स्वामी था। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने 1952 में भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति एवं 1962 में भारत के द्वितीय राष्ट्रपति के पद को सुशोभित किया। 1954 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया। श्री तिवारी ने कहा कि 1949 से 1952 तक सोवियत संघ में भारतीय राजदूत के रूप में डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने कार्य किया।
डॉक्टर राधाकृष्णन महान दार्शनिक थे। विद्यालय के प्रधानाचार्य मनोज कुमार ने कहा कि हम सभी को डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के दिखाएं मार्ग पर चलने का आज संकल्प लेना चाहिए। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से फागु राज कुशवाहा, नितेश कुशवाहा, वशिष्ठ कुशवाहा, उमेश तिवारी,श्रवन आर्य, राधेश्याम कुशवाहा, नवीन यादव, अश्वनीकांत चौहान, माधुरी देवी, मनोरमा देवी, पिंकी यादव, दीक्षा यादव, निशा कुशवाहा, पिंकी कुशवाहा, हरी लाल कुशवाहा, जवाहर यादव उपस्थित थे।