भगवत नाम जप से व्यक्ति को होती है मोक्ष की प्राप्ति: मृगेंद्र शांडिल्य

देवरिया। क्षेत्र के ग्राम सवरेजी में चल रहे श्रीमद् भागवत महापुराण की कथा के दूसरे दिन शनिवार की रात्रि कथा का रसपान कराते हुए काशी से पधारें पं मृगेंद्र शांडिल्य ने कहा कि भगवत नाम की इतनी महिमा है कि अधम से अधम व्यक्ति भी प्रभु का नाम लेकर भवसागर से पार हो जाता है। उन्होंने अजामिल की कथा सुनाते हुए कहा कि अजामिल एक उच्च कुलीन ब्राह्मण, जो वेदों और शास्त्रों का ज्ञाता था, एक वैश्या के साथ रहने के कारण पापों में लिप्त हो गया। उसने वैश्या के साथ रहने के लिए अपने परिवार, पत्नी और बच्चों को छोड़ दिया और बुरे कर्मों में लिप्त हो गया। अजामिल के 10 पुत्र हुए और संतों के कहने पर उसने सबसे छोटे पुत्र का नाम नारायण रखा। अजामिल अपने पुत्र नारायण से बहुत प्रेम करता था और उसका नाम बार-बार लेता रहता था। अजामिल की मृत्यु के समय जब यमदूत उसे लेने आए और उसका प्राण हरने के लिए जब उसके ऊपर यमपाश फेंके तो वह डर के मारे अपने पुत्र नारायण का नाम पुकारा। जिसका परिणाम हुआ कि भगवान विष्णु के दूतों ने उसे यमदूतों से बचाया। उन्होंने कहा कि यह कथा सिखाती है कि भगवान का नाम लेने से चाहे वह किसी भी संदर्भ में हो व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिल सकती है। भगवान अपने भक्तों पर हमेशा कृपा करते हैं, चाहे उन्होंने कितने भी पाप किए हो। हमें कभी भी निराश नहीं होना चाहिए क्योंकि भगवान हमेशा भक्तों की मदद के लिए तैयार रहते हैं। 

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